सरकारी कर्मचारियों के लिए नया नियम जारी, रिटायरमेंट से पहले करना होगा ये जरूरी काम 

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Government Employee New Rule: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। केंद्र सरकार ने हाल ही में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नया निर्देश जारी किया है। अगर आप भी सरकारी कर्मचारी हैं तो आपको इस नियम के बारे में जानना जरूरी है। 

सरकार ने कर्मचारियों को रिटायरमेंट से पहले अपनी सर्विस का एक महत्वपूर्ण प्रमाणपत्र जमा करना अनिवार्य कर दिया है। इस बारे में DoPPW द्वारा जारी निर्देश जारी किए गए हैं। 

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यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि रिटायरमेंट की प्रक्रिया सुचारू हो और सभी दस्तावेज समय पर पूरे किए जा सकें। आइए जानते हैं, इस नियम से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में, जिससे सरकारी कर्मचारी इसे समझकर समय पर अनुपालन कर सकें।

नया नियम क्या कहता है?

कार्मिक मंत्रालय के पेंशन एवं पेंशनर्स वेलफेयर विभाग (DoPPW) द्वारा जारी इस गाइडलाइन के अनुसार, 18 साल की नौकरी पूरी करने वाले कर्मचारियों को अपने रिटायरमेंट से 5 साल पहले वेरिफिकेशन करवाना अनिवार्य होगा। 

इससे कर्मचारियों के महत्वपूर्ण रिकॉर्ड्स को व्यवस्थित और अद्यतित रखने में मदद मिलेगी, ताकि रिटायरमेंट के समय किसी भी प्रकार की देरी से बचा जा सके।

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महत्वपूर्ण बिंदु:

  • कौन-कौन कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे: 18 साल की नौकरी पूरी करने वाले सभी कर्मचारी।
  • कब तक पूरी करनी होगी प्रक्रिया: रिटायरमेंट से 5 साल पहले।
  • क्या है उद्देश्य: रिटायरमेंट के पहले सभी रिकॉर्ड्स का वेरिफिकेशन सुनिश्चित करना।

नियम का पालन अनिवार्य

सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स 2021 के तहत यह सत्यापन अनिवार्य है और रिटायरमेंट से 5 साल पहले पूरा कर लेना होगा। 

इसके साथ ही, हर साल जनवरी के अंत तक कर्मचारी को अपनी सर्विस की स्थिति की पुष्टि करनी होगी, ताकि सभी दस्तावेज सही समय पर पूरे किए जा सकें।

वेरिफिकेशन की प्रक्रिया

सभी सरकारी विभागों को अपने अधीनस्थ कर्मचारियों का वेरिफिकेशन करवाना होगा। संबंधित कर्मचारी का वेरिफिकेशन विभाग के उच्च अधिकारी और अकाउंट ऑफिसर मिलकर करेंगे। 

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एक बार वेरिफिकेशन पूरा होने पर कर्मचारी को एक सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, जिसे पहले से निर्धारित फॉर्मेट 4 में देना आवश्यक है।

सत्यापन की प्रक्रिया कैसे होगी?

  1. विभाग द्वारा सत्यापन:
    DoPPW द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, संबंधित कर्मचारी के विभाग प्रमुख और अकाउंट ऑफिसर सत्यापन की प्रक्रिया को देखेंगे। यह सत्यापन कर्मचारी के सभी रिकॉर्ड और सेवाओं की जानकारी के आधार पर होगा।
  2. सर्टिफिकेट जारी करना:
    सत्यापन के बाद, कर्मचारी को एक क्वालिफाइंग सर्विस सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, जो एक निश्चित फॉर्मेट (फॉर्मेट 4) में होगा। यह प्रमाणपत्र कर्मचारी के रिकॉर्ड की सही स्थिति का प्रमाण देगा।

वेरिफिकेशन क्यों है जरूरी?

सरकारी नियमों के अनुसार, रिटायरमेंट से पहले कर्मचारी का सभी रिकॉर्ड्स व्यवस्थित होना जरूरी है। इस नए नियम का उद्देश्य कर्मचारियों को अपनी सेवाओं से जुड़े सभी दस्तावेज सही रखने के लिए प्रेरित करना है, ताकि उनके रिटायरमेंट के दौरान किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

क्या होगा अगर वेरिफिकेशन नहीं हुआ?

यदि कोई कर्मचारी इस प्रक्रिया को निर्धारित समय के भीतर पूरा नहीं करता है, तो उसकी रिटायरमेंट प्रक्रिया में देरी हो सकती है। 

सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने कर्मचारियों को इस वेरिफिकेशन के लिए समय से प्रेरित करें।

उद्देश्य और लाभ

  • रिटायरमेंट प्रक्रिया में सरलता: रिटायरमेंट के समय सभी दस्तावेज पहले से व्यवस्थित होने पर कोई दिक्कत नहीं आएगी।
  • कर्मचारियों की जागरूकता: कर्मचारी अपने क्‍वालिफाइंग सर्विस रिकॉर्ड्स को लेकर सजग रहेंगे।
  • रिटायरमेंट में देरी की संभावना कम: समय से वेरिफिकेशन पूरा होने से देरी की संभावना घटेगी।
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