7th Pay Commission Latest News: प्रदेश के हजारों सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने स्थानीय नगर निकाय में कार्यरत कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है।
यह फैसला हाल ही में कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जिससे हजारों कर्मचारियों को बड़ा आर्थिक लाभ मिलेगा। 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की तनख्वाह में वृद्धि की जाएगी।
कर्मचारियों के खातों में आएंगे लाखों रुपये
सरकार ने घोषणा की है कि 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी की जाएगी। 1 अप्रैल 2017 से इसे लागू माना जाएगा। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को करीब 90 महीनों का एरियर मिलेगा।
इससे हर कर्मचारी के खाते में लाखों रुपये आने की उम्मीद है। इस फैसले से स्थानीय निकाय के कर्मचारी काफी खुश हैं और इसे अपने लिए एक बड़ी राहत के रूप में देख रहे हैं।
कर्मचारियों को मिलेगा 90 महीने का एरियर
सरकार ने घोषणा की है कि कर्मचारियों को 90 महीने का एरियर मिलेगा। इसका मतलब है कि हर कर्मचारी के खाते में लाखों रुपये आने वाले हैं।
बुधवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इस बैठक में कुछ और महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की गईं जो राज्य के नागरिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आई हैं।
संविदा शिक्षकों और पेंशनभोगियों के वेतन में संशोधन
सरकार ने संविदा शिक्षकों और पेंशन भोगियों के लिए भी वेतन संशोधन की घोषणा की है। इससे राज्य के 3.65 लाख सरकारी कर्मचारी, 6 लाख पेंशनभोगी और 3.6 लाख संविदा शिक्षक लाभान्वित होंगे।
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इस वेतन वृद्धि के कारण राज्य के खजाने पर 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, लेकिन यह राज्य के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।
ग्रेच्युटी सीमा में बढ़ोतरी
इसके अलावा राज्य सरकार ने ग्रेच्युटी की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया है। इस फैसले से उन कर्मचारियों को और भी ज्यादा फायदा होगा जो सेवानिवृत्ति के करीब हैं।
जल्द मिलेगी एरियर की राशि
बिहार सरकार ने अपने कर्मचारियों के खातों में एरियर की राशि जल्द से जल्द भेजने की योजना बनाई है। इस कदम से राज्य के कर्मचारियों को बड़ी आर्थिक राहत मिलेगी और वेतन संशोधन का लाभ उन्हें शीघ्र प्राप्त होगा।
गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन चार्ज में कटौती
कैबिनेट बैठक में एक और अहम फैसला लिया गया, जिसमें बिहार में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन चार्ज को कम कर दिया गया है। अब बिहार के लोग गाड़ी खरीदने के लिए दूसरे राज्यों का रुख नहीं करेंगे क्योंकि राज्य ने रजिस्ट्रेशन चार्ज को काफी कम कर दिया है।
उदाहरण के लिए, पहले जहां एक मिनी बस के रजिस्ट्रेशन के लिए 23,000 रुपये से ज्यादा का खर्च आता था, वहीं अब यह केवल 7,150 रुपये हो गया है। इससे राज्य में गाड़ी खरीदने की प्रक्रिया अब और आसान हो जाएगी।
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